ख्वाब खुली आँखों में जब पलने लगेगें,
सपने खुदबखुद हकीक़त में बदलनें लगेगें॥
झुक जायेंगे तख्तोताज़ सारे,
तेरी चमक के सामने, आफताब ढलने लगेगें॥
----------------------X-----------------------
खरीद लूंगा तुमसे, सारी उदासियाँ तुम्हारी,
सिक्के मेरे मिज़ाज़ के जब चलने लगेगें॥
-----------------------X----------------------
बुरा किया भी है तो ये उसका करम है,
तू नेकिया कर, पत्थर पिघलने लगेगें॥
खिलखिला के मुस्कुरा मुसाफिर इस तरह,
कि जखम देनेवाले मलहम मलने लगेगें॥
आफताब: Sun
मिज़ाज़: State of mind, nature, mood
करम (कर्म): doings, act
सपने खुदबखुद हकीक़त में बदलनें लगेगें॥
झुक जायेंगे तख्तोताज़ सारे,
तेरी चमक के सामने, आफताब ढलने लगेगें॥
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खरीद लूंगा तुमसे, सारी उदासियाँ तुम्हारी,
सिक्के मेरे मिज़ाज़ के जब चलने लगेगें॥
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बुरा किया भी है तो ये उसका करम है,
तू नेकिया कर, पत्थर पिघलने लगेगें॥
खिलखिला के मुस्कुरा मुसाफिर इस तरह,
कि जखम देनेवाले मलहम मलने लगेगें॥
आफताब: Sun
मिज़ाज़: State of mind, nature, mood
करम (कर्म): doings, act
6 comments:
Wah mere sher... kya likha hai !!! Mast ekdummm
Just lovely...👍
Changali lihili Bhau mast ekach no.
very nice bhaiya... :)
Good one! Flow is very good in terms of rhyme. But I quite not got the meaning of 4th verse i.e. bura kiya bhi... & also I could not understand the context of why & how u arrive at this sentence 'jakhm denewale malam lagane lagenge!'
Interesting though, would like to understand your thought process! :)
Thanks alot Lalit Gangawar, Rukmini Roy, DD, H(z)ero.
Thanks anonymous for a thoughtful que, my explanation may dilute the meaning of the verse bt let it be...........;)
बुरा किया भी है तो ये उसका करम है,
U reap what u sow, so if one is not good/wrong with u ignore them, they will pay for it
तू नेकिया कर, पत्थर पिघलने लगेगें॥
be good to them (as U reap what u sow), it will change thr behaviour.
Abt 5th verse or makta of the gazal - summary of few exprnce
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