गिले परो से ही सही, तू परवाज़ कर के देख,
अंजाम की परवाह न कर, आगाज़ कर के देख,
बिना मांगे तो माँ भी नहीं पिलाती दूध,
चाहता है तू कुछ तो आवाज़ कर के देख,
मदद मांगने पर की तो क्या की तूने,
उल्टा दोस्ती में तो ये रिवाज़ कर के देख,
मंजिल तक पहुचुंगा ये यकीं है खुद पे,
दुश्मन से कह दे, ऐतराज़ कर के देख,
खुदा बरकत से नवाज़ेंगा तुझे मुसाफिर ,
कल का काम भी कभी आज कर के देख।
परवाज़: First flight of bird
अंजाम : Result
आगाज़ : Start
अंजाम की परवाह न कर, आगाज़ कर के देख,
बिना मांगे तो माँ भी नहीं पिलाती दूध,
चाहता है तू कुछ तो आवाज़ कर के देख,
मदद मांगने पर की तो क्या की तूने,
उल्टा दोस्ती में तो ये रिवाज़ कर के देख,
मंजिल तक पहुचुंगा ये यकीं है खुद पे,
दुश्मन से कह दे, ऐतराज़ कर के देख,
खुदा बरकत से नवाज़ेंगा तुझे मुसाफिर ,
कल का काम भी कभी आज कर के देख।
परवाज़: First flight of bird
अंजाम : Result
आगाज़ : Start
12 comments:
Sssuperlike! Oven fresh! :)
Nice n inspiring....
superbbb bhai... main josh me aagaya hun...
Aaram se lalit bhai...josh me hosh mat kho dena...Vry gud wrk Anoop...keep it up...!!!
Main to soch rahi hun iska wallpaper rakh lun.. roz padu.. :)
Very motivating..!!
Good work..!!
awsumm work anuj:P:)
Just wanted to make a confession.
" Thought to create a rhyme to comment on this poem. But seriously couldnt find a word to express a ounce of it."
This work justifies your name, Anoop: The Incomparable.
These things are just getting better and better with each one.
Don't blame me, if I couldn't comment on next poems.
anoop teri likhi anupama pe mai kya kahu,
Shayad wo teri he zalak yaha baya karti hai. . . .
Wow! Great
Pta h anup ji...muje apki is kavita ki bhot jrurat thi...ye honsla hi khud ne dhund ri hu kbse..excelleny wrk..
Thank you guys for liking and appreciating Poha- eatery.
Your comments are like lights in my path, which will definetly help me to achieve my Goal.
laaaiiiiiii khaaaassss bhaaauuuu
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